आहट मिलने लगी है मुझको उसके इश्क की इशारे रोज करती है अपना असर मेरे दिल पर कुछ ना कुछ छोड़ जाती है मन मचलने लगा है दीवानों की तरह
इंसान के इंसानियत की पहचान उसके कर्मो से होती है हम मानते हैं हर काम के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ छुपा रहता है मगर कुछ में इतना प्यार छुपा होता है कि जहां लोग अपनी जान निछावर कर देते हैं