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उसकी मासूमियत पर मत जाना

उसकी मासूमियत पर मत जाना वह बाहर से जितनी मासूम दिखती है अंदर से उतनी ही ज्यादा सख्त है उसकी आस छोड़ दो नहीं तो एक दिन आंखों में आंसू लिए कहोगे हमारी जिंदगी व्यर्थ है

तुम्हारी गलतियों की शिकायत इसलिए करती हूं तुम अपनी आदत को सुधार लो 

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इंसान के इंसानियत की पहचान उसके कर्मो से होती है

इंसान के इंसानियत की पहचान उसके कर्मो से होती है हम मानते हैं हर काम के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ छुपा रहता है मगर कुछ में इतना प्यार छुपा होता है कि जहां लोग अपनी जान निछावर कर देते हैं

आहट मिले लगी है

आहट मिलने लगी है मुझको उसके इश्क की इशारे रोज करती है अपना असर मेरे दिल पर कुछ ना कुछ छोड़ जाती है मन मचलने लगा है दीवानों की तरह